नई दिल्ली – अंतरिक्ष जगत के स्टार्ट-अप स्काईरूट ने गुरुवार को विक्रम-1 रॉकेट के चरण-2 का सफल परीक्षण किया। कंपनी को इस साल के अंत में एक उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने की उम्मीद है। कंपनी के मुताबिक विक्रम-1 प्रक्षेपण यान के चरण-2 को कलाम-250 कहा जाता है। यह हाई पावर कार्बन मिश्रित मोटर है जो रॉकेट को वायुमंडलीय चरण से बाहरी अंतरिक्ष में ले जाएगा। कलाम-250 का परीक्षण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में हुआ।गुरुवार को 85 सेकंड तक चले परीक्षण के बारे में स्काईरूट एयरोस्पेस के सह संस्थापक और सीईओ पवन चंदना ने बताया कि यह भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि विक्रम-1 भारत में निजी क्षेत्र द्वारा डिजाइन और निर्मित अब तक का सबसे बड़ा प्रणोदन सिस्टम है। यह सफल परीक्षण और इसरो में परीक्षण पास करने वाला पहला कार्बन-मिश्रित-निर्मित मोटर है। उन्होंने कहा कि सभी परीक्षण पैरामीटर अपेक्षित सीमा के भीतर हैं। इस कामयाबी के बाद विक्रम-1 रॉकेट की मदद से आगामी कक्षीय प्रक्षेपण की तैयारी हो रही है। हम एक कदम और करीब पहुंच गए हैं।
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