पंजाब के पटियाला में काली देवी मंदिर के पास शुक्रवार को दो समूहों के बीच झड़प हो गई दोनों समूहों के बीच तीव्र नारेबाजी और हाथापाई भी हुई। झड़प के दौरान कुछ लोग तलवार और अन्य हथियार भी लिए हुए थे पंजाब के पटियाला में तनाव उस समय व्याप्त है जब पुलिस ने हरीश सिंगला के नेतृत्व वाली शिवसेना (बाल ठाकरे) के सदस्यों के बीच झड़प को रोकने की कोशिश करते हुए हवा में गोलियां चलाईं, जिन्होंने खालिस्तान समर्थक और सिख कार्यकर्ताओं और निहंगों के बाहर एक मार्च का आह्वान किया था।
पटियाला रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राकेश अग्रवाल ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि निहंग, जो पहले शिवसेना द्वारा दिए गए आह्वान का मुकाबला करने के लिए गुरुद्वारे में एकत्र हुए थे और खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए मंदिर की ओर बढ़े, क्योंकि पुलिस उन्हें नियंत्रित करने के प्रयास कर रही थी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि निहंगों को मंदिर की ओर बढ़ने से रोकने की कोशिश में पटियाला पुलिस के एक थाना प्रभारी के हाथ में चोट लग गई।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस घटना को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया। उन्होंने कहा मैंने डीजीपी से बात की और,इलाके में शांति बहाल कर दी गई है। हम स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं और किसी को भी राज्य में अशांति पैदा नहीं करने देंगे। पंजाब की शांति और सद्भाव अत्यंत महत्वपूर्ण है मंदिर के अंदर मौजूद सिख कार्यकर्ताओं के साथ-साथ हिंदू नेताओं द्वारा पथराव की भी खबरें हैं, जिसके द्वार सिख प्रदर्शनकारियों को प्रवेश करने से रोकने के लिए बंद कर दिया गया है ।
पुलिस ने फायरिंग की तो कुछ निहंग उनके सामने विरोध करते नजर आए। पुलिस ने कहा कि पटियाला के एसएसपी नानक सिंह उस समय मौके पर वहीँ थे लेकिन निहंग और सिख अडिग थे,जबकि हवा में कई राउंड गोलियां चलाई गईं। आईजी ने कहा, पुलिस को स्थिति को देखते हुए हवा में गोलियां चलानी पड़ीं और ऐसा मौके पर मौजूद ड्यूटी मजिस्ट्रेट की पूर्व मंजूरी के बाद किया गया।”सेना ने खालिस्तानियों के खिलाफ विरोध मार्च निकालने और खालिस्तान के खिलाफ नारे लगाने का आह्वान किया था। एक किलोमीटर दूर आर्य समाज में भारी संख्या में पुलिस बल की एक अलग टुकड़ी तैनात की गई थी, जहां सेना के सदस्य दोनों पक्षों के बीच सीधे टकराव को रोकने का प्रयास कर रहे थे।