दो साल के कोरोना काल के बाद आज पहली बार केदारनाथ धाम के पट खुले गए है.बाबा के दर्शन के लिए इंतजार खत्म हो गया है. बाबा केदार की पंचमुखी डोली गौरीकुंड से केदारनाथ धाम पहुंच गई. इसके बाद आज सुबह धाम के कपाट खुल गए. हजारों की तादाद में श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक के 21 किलोमीटर के पैदल रास्ते पर भारी तादाद में श्रद्धालु पहुंचे है ।
बारह ज्योतिर्लिंगों में शामिल भगवान केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार सुबह 6:25 बजे खोल दिए गए। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे मंंदिर की दस क्विंटल फूलों के साथ ही लाइटिंग से भव्य सजावट की गई है। पहले दिन दर्शनों के लिए 15 हजार से अधिक यात्री केदारनाथ धाम व यात्रा पड़ावों पर पहुंच चुके हैं।
उत्तराखंड शासन द्वारा इस बार बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में क्षमता के अनुसार प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या तय कर दी है। 45 दिनों के लिए श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित की गई है केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 12 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकते हैं। वहीं बदरीनाथ में प्रतिदिन 15 हजार, गंगोत्री में सात हजार, यमुनोत्री धाम में एक दिन में चार हजार श्रद्धालुओं को दर्शन कर सकेंगे हैं बदरीनाथ धाम में प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी महायोजना के कार्य के दौरान मंदिर के आसपास हटाई गई प्रसाद की दुकानें अभी अस्थाई रूप से मंदिर मार्ग पर सड़क किनारे नजर आएंगी और यहीं से श्रद्धालु प्रसाद खरीद सकेंगे।
अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर वार्षिक चारधाम यात्रा 3 मई से शुरू हो चुकी है कोविड19 महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद वार्षिक तीर्थयात्रा आयोजित की जा रही है। यात्रा 3 मई को उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई केदारनाथ के कपाट आज 6 मई को खोल दिए गए है तथा बद्रीनाथ धाम के कपाट 8 मई को खुलेंगे