बिहार में शराब की बिक्री एवं पीने पर पूर्ण पाबंदी है, इसके बाबजूद जहरीली शराब पीने से हुई मौतों से सम्बंधित समाचार कुछ दिन पहले ही देश ने देखी व सुनी ı बिहार सरकार ने शराब बनाने वालों की धरपकड़ के लिए कई हथकंडे अपनाये पर शराबबंदी करने में बिफल रही ı

अब हम बात करते हैं कि कैसे बिहार में उत्तराखंड के डीजीसीए से एप्रूव्ड ड्रोन पायलट के सहयोग से रोज 20000 लीटर कच्ची शराब पकड़ी जा रही है ı इस ड्रोन पायलट का नाम है वेदान्त बिष्ट जिन्होंने ग्राफ़िक एरा विश्वविद्यालय से मैकैनिकल इंजीनियरिंग में बी टेक करने के पश्चात आईटीडीए में तत्कालीन निदेशक अमित सिन्हा के निर्देशन में पहला प्रोटोटाइप ड्रोन बनाने में अहम् भूमिका निभायी ı वेदान्त को बिहार सरकार के मद्यनिषेद विभाग ने बाकायदा अपनी टीम का अहम् हिस्सा बना रखा है ı
आज वेदान्त मुकेश अम्बानी की प्रतिष्ठित कंपनी एस्टेरिया एयरोस्पेस में डीजीसीए एप्रूव्ड ड्रोन पायलट है इसके साथ ही राजस्थान, हरियाणा व अरुणांचल में सफल ड्रोन संचालन व उससे उत्त्पन्न डाटा का सफलता पूर्वक क्रियान्वन कर चूका है ı
ड्रोन पायलट रोजगार का नया जरिया बन चुका है और आने वाले दिनों में निश्चित रूप से सरकार के विभिन्न विभागों के काम ड्रोन के मदद से आसान होने वाले हैं जैसे खनन की चोरी, शराब, स्मैक व स्मैकियों की धरपकड़, ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन व कई ऐसे काम जहां कर्मचारियों की कमी है ı