भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नोटबंदी के फैसले को बरकरार रखने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया। पार्टी ने सोमवार को सवाल किया कि क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी शीर्ष कोर्ट के फैसले के बाद नोटबंदी के खिलाफ चलाए गए अभियान के लिए माफी मांगेंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में सरकार के 2016 के 1,000 रुपये और 500 रुपये के मूल्यवर्ग के नोटों को विमुद्रीकृत करने के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि निर्णय लेने की प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण नहीं थी। पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और भाजपा के नेता रवि शंकर प्रसाद ने दावा किया कि 2016 में की गई नोटबंदी आतंकी फंडिंग पर रोक लगाकर आतंकवाद को सबसे बड़ा झटका साबित हुई। इसने आयकर को बढ़ावा दिया और अर्थव्यवस्था की सफाई की। उन्होंने आगे कहा, यह एक ऐतिहासिक फैसला है और राष्ट्रहित में है। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रहित में लिए गए फैसले को सही ठहराया है।
प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस नेताओं, खासतौर पर पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वे अभद्र और निंदनीय बयान देकर सुप्रीम कोर्ट में बहुमत के फैसले की अनदेखी कर रहे हैं। प्रसाद ने कहा कि असहमति जताने वाले जज ने भी कहा है कि नीति सुविचारित थी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, भारत डिजिटल भुगतान के मामले में वर्ल्ड लीडर बन गया है। विमुद्रीकरण के बाद इसे बढ़ावा मिला है। देश ने अकेले इस साल (2022) अक्तूबर में 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के 730 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन दर्ज किए हैं। जस्टिस एसए नजीर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा, आर्थिक नीति के मामलों में बहुत संयम बरतना होगा और अदालत अपने फैसले की न्यायिक समीक्षा द्वारा कार्यपालिका की जगह नहीं ले सकती है।