स्वतंत्रता दिवस के अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के अपने भाषण में कई अहम विषयों शामिल किया ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर राजधानी दिल्ली (Delhi) स्थित लाल किले (Red Fort) की प्रचीर से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा (Tiranga) फहराने के बाद राष्ट्र को संबोधित किया. पीएम मोदी का 82 मिनट लंबा भाषण (PM Modi Speech) देश के कई अहम विषयों पर केंद्रित रहा ।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”आज जब हम अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं, अगले 25 साल हमारे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. आजादी का 75वां स्वतंत्रता दिवस एक ऐतिहासिक दिन है और यह पुण्य पड़ाव, एक नयी राह, एक नए संकल्प और नए सामर्थ्य के साथ कदम बढ़ाने का शुभ अवसर है. ’’
पीएम मोदी ने लाल किले से अपना भाषण की शुरुआत देशवासियों और दुनियाभर में रह रहे भारतीयों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए की । पीएम मोदी ने आज के भाषण में जय जवान-जय किसान वाले नारे को एक नया रूप दिया. उन्होंने कहा, ”जय जवान, जय किसान का लाल बहादुर शास्त्री जी का मंत्र आज भी देश के लिए प्रेरणा है. अटल जी ने जय विज्ञान कह कर उसमें एक कड़ी जोड़ दी थी लेकिन अब अमृत काल के लिए एक और अनिवार्यता है, वो है जय अनुसंधान. जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले 25 साल की यात्रा को देश के लिए ‘अत्यंत महत्वपूर्ण’ करार दिया और इस ‘अमृत काल’ में विकसित भारत, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता और नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्य पालन के ‘पंच प्राण’ का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि जब वह 130 करोड़ देशवासियों के सपनों को देखते हैं और उनके संकल्पों की अनुभूति करते हैं तो आने वाले 25 साल के लिए देश को पंच प्राण पर अपनी शक्ति, अपने संकल्पों और अपने सामर्थ्य को केंद्रित करना है. हमें पंच प्राण को लेकर 2047 तक चलना है, जब आजादी के 100 साल होंगे, आजादी के दीवानों के सारे सपने पूरा करने का जिम्मा उठा करके चलना है.’’ पीएम मोदी ‘विकसित भारत’ को पहला प्राण बताया और कहा कि इससे कुछ कम नहीं होना चाहिए.
पीएम मोदी ने गुलामी की हर सोच से मुक्ति पाने को दूसरा प्राण बताया और कहा कि गुलामी का एक भी अंश अगर अब भी है, तो उसको किसी भी हालत में बचने नहीं देना है.
उन्होंने कहा, ‘‘जब सपने बड़े होते हैं… जब संकल्प बड़े होते हैं तो पुरुषार्थ भी बहुत बड़ा होता है. शक्ति भी बहुत बड़ी मात्रा में जुट जाती है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज जब अमृत काल की पहली प्रभात है, हमें इस 25 साल में विकसित भारत बना कर ही रहना है. अपनी आंखों के सामने इसे कर के दिखाना है.’’
भारत 1947 में आजाद हुआ था और उसने 2022 में आजाद देश के रूप में 75 साल की यात्रा पूरी कर ली है. पीएम मोदी ने अगले 25 साल के कालखंड को ‘अमृत काल’ का नाम दिया गया है.
मोदी ने कहा कि आज विश्व भारत की तरफ गर्व से देख रहा है और उसे अपेक्षा से देख रहा है तथा समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर खोजने लगा है. विश्व की सोच में यह परिवर्तन भारत की 75 साल की यात्रा का परिणाम है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में साथ आने के लिये देश के नागरिकों की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने समयबद्ध तरीके से लोगों को कोविडरोधी टीके की 200 करोड़ खुराक देने का रिकार्ड बनाया है जो किसी अन्य देश के लिये संभव नहीं हो सका.
मोदी ने कहा, ‘‘कोरोना के कालखंड में दुनिया वैक्सीन लेने या न लेने की उलझन में जी रही थी. उस समय हमारे देश के लोगों ने 200 करोड़ खुराक लेकर दुनिया को चौंका देने वाला काम करके दिखाया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति धरती से जुड़ी हुई है, जिसमें कौशल्य पर बल दिया गया है और यह हमें गुलामी से मुक्ति की ताकत देगी. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मंथन के साथ बनी है, कोटि-कोटि लोगों के विचार प्रवाह को संकलित करते हुए बनी है. भारत की धरती से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है. इसमें हमने कौशल्य पर बल दिया है, यह ऐसा सामर्थ्य है जो हमें गुलामी से मुक्ति की ताकत देगा.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं युवाओं से देश के विकास के लिए अपने जीवन के अगले 25 वर्ष समर्पित करने का आग्रह करता हूं, हम मानवता के पूर्ण विकास के लिए काम करेंगे. हमारा प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक अनुसंधान के लिए भरपूर मदद मिले, इसलिए हम अंतरिक्ष मिशन, गहरे समुद्र से जुड़े मिशन का विस्तार कर रहे हैं. अंतरिक्ष और समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए जरूरी समाधान हैं.’’
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हमारी विरासत पर हमें गर्व होना चाहिए. जब हम अपनी धरती से जुड़ेंगे तभी तो ऊंचा उड़ेंगे. जब हम ऊंचा उड़ेंगे, तभी हम विश्व को भी समाधान दे पाएंगे.’’
पीएम ने कहा ‘‘मेरे 130 करोड़ देशवासी आप मुझे आशीर्वाद दीजिए, आप मेरा साथ दीजिए, मैं आज आपसे साथ मांगने आया हूं, आपका सहयोग मांगने आया हूं ताकि मैं इस लड़ाई को लड़ सकूं और इस लड़ाई को देश जीत पाए.’’
पीएम ने कहा कि अब हम 5जी को ओर कदम रख रहे हैं. बहुत इंतजार नहीं करना है. हम ऑप्टिकल फाइबर गांव-गांव में पहुंचा रहे हैं, डिजिटल इंडिया का सपना गांव से गुजरेगा, ये मुझे पूरी जानकारी है. हिंदुस्तान के चार लाख कॉमन सर्विस सेंटर गांवों में विकसित हो रहे हैं. गांव क्षेत्र में चार लाख डिजिटल आंत्रप्रेन्योर तैयार होने पर देश गर्व कर सकता है ।
पीएम ने कहा कि लैंगिक समानता अखंड भारत की कुंजी है. भारत के पास एकता की अवधारणा पर दुनिया को सिखाने के लिए काफी कुछ है और एकता की यह अवधारणा परिवार की संरचना से शुरू होती है. हमें भारत की विविधता का जश्न मनाना चाहिए घर पर भी, एकता के बीज तभी बोए जाते हैं जब बेटे और बेटी समान हों. अगर ऐसा नहीं होता तो एकता का मंत्र गूंज नहीं सकता. लैंगिक समानता एकता का अहम मानदंड है.
जब हमारा ब्रह्मोस दुनिया में जाता है तो कौन हिंदुस्तानी नहीं होगा, जिसका मन आसमान को न छूता हो. हमारी बंदे भारत ट्रेन विश्व के लिए आकर्षण है. हमें आत्मनिर्भर बनना है. हम कब तक एनर्जी सेक्टर में किसी और पर निर्भर रहेंगे.. सोलर का क्षेत्र, विंड एनर्जी का क्षेत्र, मिशन हाइड्रोजन, बायो फ्यूल की कोशिश, इलेक्ट्रिक व्हीकल पर जाने की बात हो, हम आत्मनिर्भर बनकर इन व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाना होगा. प्राकृतिक खेती भी आत्मनिर्भरता का मार्ग है. नैनो फर्टिलाइजर का कारखाने नई आशा लेकर आए हैं. आज ग्रीन जॉब के क्षेत्र तेजी से खुल रहे हैं. प्राइवेट सेक्टर से भी आह्वान करता हूं कि हमें विश्व में छा जाना है.