देवभूमि उत्तराखंड के नैनीताल-अल्मोड़ा मार्ग पर बना एक छोटा सा आश्रम नीम करोली बाबा आश्रम के नाम से जाना जाता है। यह आश्रम एकदम शांत, साफ-सुथरी जगह, हरियाली, सुकून वाली जगह पर बना ये आश्रम धर्मावलंबियों के बीच कैंची धाम के रूप में जाना जाता है।
कैंची धाम
बाबा नीम करोली की उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी इनके चमत्कारों की चर्चा होती है।15 जून को देवभूमि कैंची धाम में मेले का आयोजन होता है और यहां पर देश-विदेश से बाबा नीम करौली के भक्त आते हैं।
बाबा के चमत्कारों के बारे में बताया जाता है कि एक बार बाबा के धाम में आयोजित भंडारे के दौरान घी की कमी पड़ गईं और बाबा के आदेश पर आश्रम से नीचे बहती नदी के पानी को घी के रूप में उपयोग किया गया, ऐसे में जो प्रसाद जो पानी डाला गया उसने घी का ही रूप ले लिया।
यह भी कहा जाता है कि बाबा अपनी दैवीय ऊर्जा से अचानक ही कहीं भी भक्तों के बीच प्रकट हो जाते थे और फिर अचानक ही लुप्त भी हो जाते थे। यहां तक की वे जिस वाहन में बैठे हो उसका पीछा करने या फिर पैदल चलते समय उनका पीछा करने पर भी वो अचानक ही विलुप्त हो जाते थे।
यहां तक की एप्पल के सीईओ स्टीव जॉब्स की किस्मत भी बाबा नीम करोली के आशीर्वाद से ही पलटी थी। कहा जाता है कि बाबा नीम करोली के बारे में स्टीव जॉब्स को किसी ने उस समय बताया था जब वे जीवन में निराशा को झेल रहे थे, तब उनके परिचित ने उन्हें बाबा नीम करोली के धाम जाने की सलाह दी।
जिसके बाद स्टीव जॉब्स अमेरिका से बाबा के दर्शन के लिए आए थे। लेकिन तब तक बाबा समाधि ले चुके हैं। इसके बावजूद स्टीव जॉब्स तीन माह तक बाबा के धाम में ही रहकर साधना करते रहे। कहा जाता है कि इसके बाद ही जीवन में निराशा को झेल रहे स्टीव ने एप्पल नाम के ब्रांड की स्थापना की और जीवन में सफलता के नए आयाम छू रहें हैं।
स्टीव जॉब की ही भांति फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग की जिंदगी में भी प्वाइंट बाबा नीम करोली के धाम में आने के बाद ही बदलाव आया। दरअसल 32 साल के मार्क जुकरबर्ग उस समय तक फेसबुक की स्थापना तो कर चुके थे, लेकिन उसे आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे। ऐसे में वे निराश होकर फेसबुक बेचने के बारे में सोचने लगे थे। इसी दौरान स्टीव जॉब ने ही उन्हें बाबा नीम करोली के धाम जाने की सलाह दी।
बाबा के धाम के संबंध में ही मार्क जुकरबर्ग ने कुछ समय पहले पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत में भी बताया था।
नीम करोली बाबा के भक्तों में हॉलीवुड एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट्स का नाम लिया जाता है। कहा जाता है कि इस धाम की यात्रा करके उनका जीवन बदल गया।
इस धाम में बाबा नीम करौली को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है। देश-विदेश से हजारों भक्त यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं। बाबा के भक्तों ने इस स्थान पर हनुमान का भव्य मन्दिर बनवाया। यहां 5 देवी-देवताओं के मंदिर हैं। इनमें हनुमानजी का भी एक मंदिर है। बाबा नीम करोली हनुमानजी के परम भक्त थे और उन्होंने देशभर में हनुमानजी के कई मंदिर बनवाए थे। रिचर्ड एलपर्ट (रामदास) ने नीम करोली बाबा के चमत्कारों पर ‘मिरेकल ऑफ़ लव’ नामक एक किताब लिखी इसी में ‘बुलेटप्रूफ कंबल’ नाम से एक घटना का जिक्र है। बाबा हमेशा कंबल ही ओड़ा करते थे। आज भी लोग जब उनके मंदिर जाते हैं तो उन्हें कंबल भेंट करते हैं।