उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने कल बेंगलुरु में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के उद्घाटन के अवसर पर वर्चुअल तरीके से अपना संदेश दिया।
कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत; मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई; केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर; युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री श्री निसिथ प्रमाणिक; खेल सचिव श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में, उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने ग्राम स्तर तक खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, उन्होंने केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों के ठोस प्रयासों के साथ जमीनी स्तर पर आवश्यक खेल बुनियादी ढांचे को विकसित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ये सब मिलकर भारतीय खेल क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। उपराष्ट्रपति ने कॉलेज में प्रवेश और विभिन्न विभागों में पदोन्नति में खिलाड़ियों को कुछ अतिरिक्त अंक देने का भी अपील की। उन्होंने कहा, “इस तरह के प्रोत्साहन देश में खेलों को बढ़ावा देने में काफी मददगार साबित होंगे।”
उपराष्ट्रपति ने अपनी जड़ों की ओर लौटने का आह्वान किया और सभी हितधारकों से हमारे देशी और ग्रामीण खेलों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा। उन्होंने इस तथ्य पर प्रसन्नता व्यक्त की कि खेलो इंडिया के इस संस्करण में पहली बार शुरू किए गए योगासन और मल्लखंब जैसे देशी खेलों के साथ 20 खेल शामिल होंगे। उन्होंने कहा, “यह हमारे ग्रामीण और देशी खेलों को संरक्षित रखने और बढ़ावा देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो परंपरा में निहित हैं और हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हैं।”
अपने संदेश में, प्रधानमंत्री ने कहा कि बेंगलुरु शहर अपने आप में देश के युवा जोश की पहचान है और बेंगलुरु प्रोफेशनल्स की आन बान और शान है। डिजिटल इंडिया वाले बेंगलुरू में खेलो इंडिया का आह्वान अपने आप में अहम है। स्टार्ट-अप्स की दुनिया में स्पोर्ट्स का ये संगम, अद्भुत है। उन्होंने कहा, “बेंगलुरु में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के आयोजन से इस खूबसूरत शहर की ऊर्जा में इजाफा होगा।” प्रधानमंत्री ने महामारी की चुनौतियों के बीच खेलों के आयोजन के रूप में आयोजकों के संकल्प को सलाम किया जो उनके दृढ़ संकल्प और जुनून का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये युवा हौसला आज देश को हर क्षेत्र में नई गति से आगे ले जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने सफलता के पहले मंत्र के रूप में टीम भावना के महत्त्व को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा , “स्पोर्ट्स से हमें यही टीम स्पिरिट सीखने को मिलती है।खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी आप इसे साक्षात अनुभव करेंगे। यही टीम स्पिरिट आपको जिंदगी को देखने का एक नया नज़रिया भी देती है।” उन्होंने कहा कि इसी तरह, समग्र प्रयास और शत-प्रतिशत समर्पण खेल में सफलता के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। खेल के मैदान से मिली शक्ति और सीख भी जीवन में आगे ले जाती है। श्री मोदी ने जोर देकर कहा, “खेल, सच्चे अर्थ में जीवन का सच्चा सपोर्ट सिस्टम है।” प्रधानमंत्री ने विभिन्न पहलुओं जैसे जोश, चुनौतियों, हार से सीख, ईमानदारी और पल में जीने की क्षमता के संबंध में खेल और जीवन के बीच की समानताओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “जीत को पचाने का हुनर और हार से सीखने की कला, जीवन की प्रगति के
सबसे मूल्यवान अंग होते हैं। और ये हम मैदान में खेल-खेल में सीख लेते हैं।”
भारत की तकनीकी राजधानी बेंगलुरु में लगभग 4000 एथलीटों का स्वागत करते हुए, कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई ने कहा, “बेंगलुरु में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 की मेजबानी करना हमारे लिए खुशी और सौभाग्य की बात है। यह हमारे लिए खुशी की बात है कि माननीय उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडु और माननीय केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर बेंगलुरु में इस तरह के एक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। केआईयूजी 2021 हमारे लिए हमारे आतिथ्य व सेवा-सत्कार और हमारे राष्ट्र की राष्ट्रीय अखंडता को बनाए रखने और संस्कृति के लिए हमारे समर्पण को साबित करने का एक शानदार अवसर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खेलो इंडिया के अपने मिशन के साथ हमारे खेल जगत को गति और एक नया आयाम दिया है।”