उत्तराखंड देश के प्रमुख राज्यों के ऊर्जा और जलवायु सूचकांक में पांचवें स्थान पर है। सूचकांक के छह मापदंडों और 27 संकेतकों के आधार पर नीति आयोग द्वारा जारी पहले चरण की रैंकिंग में गुजरात पहले, केरल दूसरे और पंजाब तीसरे स्थान पर है। 20 प्रमुख राज्यों की रैंकिंग में मध्य प्रदेश को 19वां और छत्तीसगढ़ को 20वां स्थान मिला है।
डॉ. राकेश सरवाल, अतिरिक्त सचिव, विद्युत मंत्रालय ने नई दिल्ली में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार की अध्यक्षता में एक कार्यक्रम में रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्षों को साझा किया।
रिपोर्ट के अनुसार, पर्यावरणीय स्थिरता के पैरामीटर में उत्तराखंड के 48.7 अंक हैं। इसके करीब केरल 46.9 अंकों के साथ है।
रिपोर्ट के मुताबिक ऊर्जा क्षेत्र में नवोन्मेष के मामले में उत्तराखंड का प्रदर्शन अन्य बड़े राज्यों के मुकाबले काफी बेहतर रहा है। गुजरात के 5.5 अंकों की तुलना में 14.7 अंकों के साथ उत्तराखंड शीर्ष पर रहा। सूचकांक के लिए शामिल 27 संकेतकों में बिजली सुधार, इसकी सतत आपूर्ति, सुधार, लाइन लॉस, नियामक संपत्ति, टैरिफ की जटिलता, खाना पकाने के लिए ईंधन, सब्सिडी, स्मार्ट मीटर की उपलब्धता, वन कवर आदि शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार के मामले में उत्तराखंड का प्रदर्शन बाकी बड़े राज्यों से काफी बेहतर रहा है। रैकिंग में अव्वल गुजरात के 5.5 अंक की तुलना में उत्तराखंड के 14.7 अंक हैं। सूचकांक के लिए शामिल किए गए 27 संकेतकों में बिजली सुधारों, उसकी सतत आपूर्ति, सुधार, लाइन हानियां, नियामक संपत्ति, टैरिफ की जटिलता, भोजन पकाने के लिए ईंधन, अनुदान, स्मार्ट मीटर की उपलब्धता, वन क्षेत्र, फारेस्ट कवर जैसे संकेतकों को रखा गया।