नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति के मद्देनजर बीटिंग द रिट्रीट समारोह शनिवार को विजय चौक पर संपन्न हो गया. इस दौरान वहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे.
बीटिंग रिट्रीट के समारोह का मुख्य आकर्षण स्वतंत्रता के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में होने वाला 1,000 ड्रोन का 10 मिनट का ड्रोन शो रहा. बीटिंग रिट्रीट के साथ 73वें गणतंत्र दिवस का समापन हुआ। आजादी के 75 साल पूरे होने पर ये सेरेमनी ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाई गई। 1000 ड्रोन के जरिए आसमान पर आजादी के अमृत महोत्सव की तस्वीर उकेर दी गई।
बीटिंग रिट्रीट समारोह में विजय चौक पर ड्रोन की मदद से तरह-तरह की आकृतियां बनाई गईं. इसके साथ ही नॉर्थ और साउथ ब्लॉक की प्राचीर पर लेजर शो का आयोजन भी किया गया.
क्या है ‘बीटिंग रिट्रीट’ परंपरा
‘बीटिंग द रिट्रीट’ की परंपरा सदियों पुरानी है. कहा जाता है कि 17वीं सदी में इंग्लैंड में इसकी शुरुआत हुई थी. तब जेम्स II ने शाम को जंग खत्म होने के बाद अपने सैनिकों को ड्रम बजाने, झंडा झुकाने और परेड करने का आदेश दिया था. उस वक्त इस समारोह को वॉच सेटिंग कहा जाता था. तब से ये बीटिंग रिट्रीट की परंपरा ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में मनाई जाने लगी. भारत में पहली बार 1950 में बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन हुआ था. तब इसके दो कार्यक्रम हुए थे. पहला कार्यक्रम दिल्ली में रीगल मैदान के सामने मैदान में हुआ था और दूसरा लालकिले में.