26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी और बीते आठ सालों में उनके काम को सराहा गया तो, कभी उनके फैसले पर सवाल भी उठे.
8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोट बंदी की जिसमें सभी 500 और 1,000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण यानी डिमोनेटाइजेशन (Demonetization) की घोषणा की.
‘एक देश-एक कानून’ को ध्यान में रखते हुए जीएसटी कानून अस्तित्व में आया. इस टैक्स सिस्टम का मुख्य उद्देश्य अन्य अप्रत्यक्ष करों (इनडायरेक्ट टैक्स) के व्यापक प्रभाव को रोकना है और देश भर में एक टैक्स सिस्टम को लागू करना. इसके बावजूद जीएसटी को लेकर व्यापारियों ने तमाम विरोध किए थे.
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार प्राप्त थे. 2019 में दूसरी बार सरकार बनने के बाद मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद को हटाया व इसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया.
कृषि क्षेत्र के सुधार के लिए मोदी सरकार तीन कृषि कानून लेकर आई तो बड़े-बड़े दावे किए गए थे, लेकिन संसद में कानून के पास होते ही पंजाब के किसान सड़क पर उतर आए थे, जिसके बाद हरियाणा और यूपी सहित कई राज्यों के किसानों ने विरोध शुरू कर दिया.
पुलवामा अटैक के बाद भारतीय सेना के जवानों पाकिस्तान के बालाकोट पर एयर स्ट्राइक कर आतंकियों के ठिकाने के ध्वस्त किया था. सर्जिकल और एयर स्ट्राइक ने भारत के जवाब देने के तरीके का रुख बदल दिया था,
मोदी सरकार ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के जरिए ये बता दिया कि भारत पारंपरिक लड़ाई के साथ-साथ मॉडर्न लड़ाई में दुनिया की पेशेवर सेनाओं में से एक है.
मोदी सरकार 2019 में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए 6 समुदायों (हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध तथा पारसी) के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने के लिए नागरिकता (संशोधन) कानून लेकर आई. दिल्ली शाहीन बाग में सीएए-एनआरसी को लेकर लंबा आंदोलन चला था,
यूपी में सीएए आंदोलन के दौरान कई लोगों की जान भी चली गई. पीएम मोदी को खुद भी आकर कहना पड़ा था कि इससे देश के किसी भी शख्स की नागरिकता नहीं जाएगी और एनआरसी लाने की कोई मंशा नहीं है. यही वजह है कि सीएए कानून आने के बाद भी अभी तक देश में इसे लागू नहीं किया जा सका है.
तीन तलाक कानून, जिसे औपचारिक रूप से मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 कहा जाता है इसे मोदी सरकार ने कानूनी अमलाजामा पहनाया. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने तीन तलाक कानून को लेकर काफी विरोध किया था.
यूक्रेन के साथ संबंधों को बनाए रखते हुए वहां पर फंसे भारतीय छात्रों को निकालने में मोदी सरकार कामयाब रही इस तरह से मोदी सरकार ने डिप्लोमेसी के साथ कूटनीतिक कदम उठाया.